Arjunkotri ( President Bajrang Dal Kotri, )
Bajrang dal kotri
Distict Ajmer ( Rajsthan ) ( India )
Mobile No. 09610502604
Email : bajrangdal.kotri@gmail.com
Formation of Bajrang DalVishva Hindu Parishad decided to start Ram-Janaki Rath yatra for awakening the society on October 1, 1984. There was nothing against other religions but certain anti-Hindu and anti-social elements threatened with dire consequences if Vishva Hindu Parishad organized this Yatra
Saturday, 30 November 2013
अजमेर मे मोदी जी का स्वागत
आज देखता हू कौन कौन इससे शेयर करता है ,सभी लोग शेयर करे और हमारे गौ माँ और भारत की संस्कृति को बचाइए ,
जो लोग बस शर्म के कारन या यह समझ कर शेयर नहीं करेंगे की देखो ये समप्रदैकता(communal) बड़ा रहा है तो इनकी सोच और जिंदगी पर थू है
गौ माँ भारत की संस्कृति है —
तुम हमारे गौ माता को काटो खाव और हम चुप रहे ऐसा थोड़ी हो सकता है हम कायर सनातनी हिन्दू नहीं है जो तुम्हे भाई बोले कायर हिंदुवो की तरह
तुम हमारे धर्म का सम्मान नहीं करोगे तो हम कैसे तुम्हारे धर्म का सम्मान करे
माफ़ करना दोस्तों जो गौ माता के हत्यारे है मै कभी भी उनको अपना भाई नहीं मान सकता हु वो मेरे दुश्मन ही रहेंगे
किउ की मेरा धर्म यही सिखाता है की अपनी माँ के हत्याओ को छोड़ना नहीं और गौ माँ की रक्षा करो
जय गौ माता
सुना है कि आज बकरीद है और इससे विश्व मेँ शान्ति का सन्देश दिया जाता है।
धन्य हो इस प्रकार की शान्ति का जिसमेँ ये मुसलमान बेचारी बकरियोँ और गायोँ की हत्या करते हैँ।
इनकी ईद इनको ही मुबारक हो।
चीन के आगे भारत घुटने टेकने को तैयार: अरुणाचल के बदले अक्साई चिन देने पर राजी ??
क्या चीन के आगे भारत घुटने टेकने को तैयार है? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि भारत का विदेश मंत्रालय अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के दबाव के झुकता नजर आ रहा है।
विदेश मंत्रालय अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के तौर पर चीन की मान्यता दिलवाने के लिए इतना छटपटा रहा है कि उसने इसके बदले अक्साई चिन पर भारत का दावा छोड़ने के संकेत दिए हैं। इसका मतलब यह हुआ है कि अगर चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा छोड़ दे तो भारत अक्साई चिन पर ऐसा ही करने को सैद्धांतिक तौर पर तैयार हो रहा है। लेकिन यह फॉर्मूला अभी विदेश मंत्रालय की मेज पर ही है और सरकार के शीर्ष लोगों ने इस पर मंथन नहीं शुरू किया है।
अरुणाचल प्रदेश पर चीन लंबे समय से नजर गड़ाए हुए है और इसी क्षेत्र को लेकर भारत पर दबाव बनाता रहा है। भारत औपचारिक तौर पर तो यह कहता रहा है कि भारत अपनी जमीन छोड़ने को किसी कीमत पर तैयार नहीं है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि बंद दरवाजों के पीछे समझौते की मेज पर भारत ने चीन से कह दिया है कि वह जैसी स्थिति है, वैसी ही रहने देने को तैयार है। इसका मतलब यह हुआ कि अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके पर चीन अपना दावा छोड़ दे और भारत जम्मू-कश्मीर के 38 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके पर अपना दावा छोड़ दे। जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में इसी इलाके अक्साई चिन कहा जाता है। यह क्षेत्र तब से विवाद में है जब से पाकिस्तान ने इस पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर लिया था और उसे 1963 में चीन को सौंप दिया था।
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